अध्याय 12
पुलिस की निवारक कार्रवाई
168.
संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए पुलिस -
प्रत्येक पुलिस अधिकारी किसी संज्ञेय अपराध के किए जाने को रोकने के प्रयोजन के
लिए हस्तक्षेप कर सकता है और अपनी सर्वोत्तम क्षमता से ऐसा करेगा।
169.
अपराध करने की योजना की जानकारी - प्रत्येक
पुलिस अधिकारी को, किसी संज्ञेय अपराध को करने की योजना की जानकारी प्राप्त होने
पर, वह ऐसी जानकारी उस पुलिस अधिकारी को, जिसके वह अधीनस्थ है, और किसी अन्य
अधिकारी को, जिसका कर्तव्य किसी ऐसे अपराध के किए जाने को रोकना या उसका संज्ञान
लेना है, संसूचित करेगा।
170.
अपराधों के घटित होने से रोकने के लिए गिरफ्तारी ।— ( 1 ) कोई पुलिस अधिकारी, जो किसी संज्ञेय अपराध को करने की योजना के
बारे में जानता है, मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना और वारंट के बिना, ऐसी योजना बनाने
वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है, यदि ऐसे अधिकारी को प्रतीत होता है कि अपराध
का किया जाना अन्यथा रोका नहीं जा सकता है।
( 2 )
उपधारा ( 1 ) के अधीन गिरफ्तार किसी
व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के समय से चौबीस घंटे से अधिक अवधि के लिए हिरासत में
नहीं रखा जाएगा, जब तक कि उसका आगे हिरासत में रखा जाना इस संहिता या तत्समय
प्रवृत्त किसी अन्य विधि के किन्हीं अन्य उपबंधों के अधीन अपेक्षित या प्राधिकृत न
हो।
171.
लोक संपत्ति को क्षति का निवारण - कोई पुलिस
अधिकारी अपने प्राधिकार से किसी लोक संपत्ति, चल या अचल को, उसकी दृष्टि में
पहुंचने वाली क्षति को रोकने के लिए, अथवा नौवहन के लिए प्रयुक्त किसी लोक चिह्न,
बोया या अन्य चिह्न को हटाने या क्षति पहुंचाने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है।
172.
पुलिस के विधिपूर्ण निदेशों का पालन करने के लिए व्यक्ति आबद्ध होंगे ।-- ( 1 ) सभी व्यक्ति इस
अध्याय के अधीन अपने किसी कर्तव्य के पालन में पुलिस अधिकारी द्वारा दिए गए
विधिपूर्ण निदेशों का पालन करने के लिए आबद्ध होंगे।