श्री राम जन्मभूमि मंदिर
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रतीक
वास्तुशिल्प की मुख्य विशेषताएँ
- मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है।
- वास्तुकार चंद्रकांत बी सोमपुरा ने अपने पुत्र निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा के साथ मिलकर इसे डिजाइन किया।
- लार्सन एंड टुब्रो द्वारा निर्मित।
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का कार्य टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड (TCEL) द्वारा संभाला गया।
संरचनात्मक विशेषताएँ
- मंदिर में 5 मंडप हैं:
- नृत्य मंडप
- रंग मंडप
- सभा मंडप
- प्रार्थना मंडप
- कीर्तन मंडप
- मंदिर 3 मंजिला है और प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट है।
- मंदिर में कुल 392 खूबसूरती से नक्काशीदार खंभे और 44 विशाल दरवाजे हैं।
- आकार:
- लंबाई: 380 फीट (पूर्व-पश्चिम)
- चौड़ाई: 250 फीट
- ऊँचाई: 161 फीट
- निर्माण में लोहे और इस्पात का उपयोग नहीं किया गया है।
मुख्य मूर्ति
- मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम का 5 वर्षीय रूप स्थापित है, जिसे बालक राम कहा जाता है।
- मूर्ति का निर्माण अरुण योगीराज, सत्यनारायण पांडे और गणेश भट्ट ने किया।
- अरुण योगीराज द्वारा निर्मित 51 इंच की मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया।
परिसर में अन्य मंदिर
- परिसर के चार कोनों पर सूर्य देव, देवी भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित मंदिर हैं।
- उत्तरी भाग में माँ अन्नपूर्णा का मंदिर और दक्षिणी भाग में हनुमान जी का मंदिर स्थित है।
- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी, जटायू और देवी अहिल्या को समर्पित मंदिर प्रस्तावित हैं।