उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986
(Consumer Protection Act,
1986)
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम जिला
उपभोक्ता परिवाद सं०
............ सन् ............
.............पुत्र श्री
............ निवासी मकान सं० मोहल्ला/कालौनी नगर/गाँव
............
थाना ............ जिला....... परिवादी
बनाम
1. भारत संचार निगम लि० द्वारा मुख्य महाप्रबन्धक/प्रबन्धक ..... स्थान .......
2. मुख्य महाप्रबन्धक/मण्डलीय प्रबन्धक भारतीय संचार निगम लि० ............ स्थान......
3. उपखण्ड अधिकारी दूरभाष भारत संचार निगम लि० ............. स्थान ............
4. लेखाधिकारी दूरभाष राजस्व भारत संचार निगम लि० ............ स्थान ....
विपक्षीगण
माननीय अध्यक्ष एवं सदस्यगण,
परिवादी निम्न निवेदन करता है :
(1) यह कि विपक्षी सं0 1 के दूरभाष सं०
............ का परिवादी दिनांक ............. से उपभोक्ता है और यह दूरभाष परिवादी के आवास स० ............ /दुकान सं० ............ स्थित ... पर स्थापित है।
(2) यह कि परिवादी का उक्त दूरभाष दिनांक
............ से कार्य नहीं कर रहा है-परिवादी ने विपक्षीगण सं० 2, 3 से कई बार मौखिक एवं लिखित में दूरभाष मृत होने की शिकायत की थी आर कम्प्यूटर पर शिकायत अंकित कराई है। लिखित शिकायतों की प्रतियाँ अनुलग्नक सं० 1.2……..तथा त्रुटि पत्रक (Fault card] अनुलग्नक सं० ............ है।
(3) यह कि विपक्षीगण
ने अभी तक परिवादी का दूरभाष सही नहीं किया है जिसे खराब हए
..... दिवस हो चुके हैं--परिवादी को दूरभाष खराब रहने से बहुत असुविधा है व क्षति पहुँच रही है और मानसिक कष्ट हो रहा है बाहर से आवश्यक दूरभाष न आ पाने के कारण पी० सी०ओ० से करने पड़े हैं जिनके भुगतान के बिल अनुलग्नक सं० ............. हैं जो कुल .. रु०….. के हैं।
(4) यह कि दूरभाष खराब रहने के काल में विपक्षीगण
के यहाँ से बिल दिनांक सहआ जिसमें दरभाष खराब रहने की अवधि का किराया अंकन ......रु० भी समिति ह। परिवादी ने सविरोध दरभाष चाल होने की आशा में दिनांक ............ को भुगतान भी कर दिया है जिसकी रसीट अनलग्नक सं० ............ है-आश्चर्यजनक है कि विपक्षीगण अभी तक परिवादी का दरभाष ठीक नहीं कर पाये हैं। विपक्षीगण के उक्त कृत्यों से सेवा में कमी होना प्रमाणित है ।
(5) यह कि विपक्षीगण
अपनी सेवा में कमी के कारण परिवादी को निम्न धनराशि भगतान करने के उत्तरदायी हैं।
(क) पी० सी० ओ० से किये दूरभाष का व्यय अंकन ............ रु०
(ख) दूरभाष का ............ दिन का किराया अंकन ............ रु०
(ग) सेवा में कमी के कारण हुई असुविधा, कष्ट, आने जाने में अनावश्यक व्यय हेतु प्रतिकार अंकन ...........रु० (घ) परिवाद का व्यय अंकन ............ रु०
....... कुल ............ रु०
(6)यह कि परिवाद को कारण दिनाँक ............ को दूरभाष खराब होने, मौखिक व लिखित शिकायतें अंकित कराने के दिनाँक को और दूरभाष सही न करने के कारण फोरम के क्षेत्राधिकार में निरन्तर जारी है।
(7). यह कि माननीय फोरम को परिवाद के श्रवण का क्षेत्रीय व धनोय क्षेत्राधिकार प्राप्त है। अत: प्रार्थना है कि परिवाद स्वीकार करके विपक्षीगण से निम्न अनुतोष दिलाया जावे।
(क) यह कि परिवादी का दूरभाष अविलम्ब ठीक करने का तथा आदेश के दिनांक से ठीक करने के दिनाँक तक
............ रु० प्रतिदिन का प्रतिकर दिलाने का आदेश पारित करें।
(ख) यह कि परिवादी को विपक्षीगण से प्रस्तर 5 में वर्णित धन अंकन ............. रु० दिलाया जावे और उस पर ब्याज दिलाया जावे।
(ग) यह कि माननीय फोरम की राय में जो अन्य उचित अनुतोष हो दिलाया जावे ।
दिनाँक........
............. परिवादी
(नाम)
हस्ताक्षर ........
शनाख्त अधिवक्ता ...
में
............ परिवादी सत्यापित करता हूँ कि परिवाद पत्र के प्रस्तर सं० 1 लगायत ..... मेरे व्यक्तिगत
ज्ञान में सत्य है । कोई तथ्य छिपाया नहीं है और न असत्य है ।
दिनाँक
............ स्थान
हस्ताक्षर
घोषक परिवादी ......
शनाख्त अधिवक्ता श्री.
...........