फोरम के आदेश के प्रवर्तन हेतु प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 25 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम जिला
............
निष्पादन वाद सं०
............ सन् ............ !
(परिवाद सं०............
सन् ........... में पारित आदेश दिनाँक ............ से उत्पन्न)
........ पुत्र श्री
............. निवासी मकान सं० ............. मोहल्ला/कालौनी नगर/गाँव
.............थाना/तहसील
............ जिला ............
बनाम
1.............
2..............
माननीय अध्यक्ष एवं साथी सदस्यगण, परिवादी निम्न निवेदन करता है :
(1) यह कि परिवादी ने विपक्षी/विपक्षीगण
के विरुद्ध उक्त फोरम में एक परिवाद सं० .......... सन् ............. ............ बनाम ............ प्रस्तुत किया था जिसमें परिवादी के पक्ष म आदेश दिनाँक
............ को पारित हुए थे। वह आदेश अपील न करने अथवा खारिज हो जाने से अन्तिम हो चुका है।
(2) यह कि विपक्षी/विपक्षीगण
को ............. बदलकर देने/सेवा में कमी दूर करने के आदेश * साथ ............ रु० प्रतिकर भी भुगतान करने का आदेश दिया गया था । फोरम की सत्यप्रतिलिपि इस प्रार्थना पत्र के साथ संलग्नक सं० 1 है ।
(3) यह कि उक्त आदेश को पारित हए लगभग
............. माह/वर्ष हो चुके हैं किन्तु विपक्षीगण ने आदेश का अनुपालन नहीं किया है। फोरम के हस्तक्षेप के बिना आदेश का प्रवर्तन सम्भव नहीं है।
(4) यह कि विपक्षी/विपक्षीगण
की सम्पत्ति का विवरण अन्त में वर्णित किया जा रहा है। क प्रवर्तन हेतु विपक्षी/विपक्षीगण की सम्पत्ति को कुर्क करके नीलाम किया जाना तथा......रु० प्रतिकार वसूल करने हेतु वसूली तहसील को भेजा जाना परमावश्यक
है।
अत: प्रार्थना है कि विपक्षी/विपक्षीगण की वर्णित सम्पत्ति को कुर्क करके नीलाम कराने तथा ... रु० प्रतिकर को भू-राजस्व के रूप में वसूल करने की तहसील
............ को आदेशिका जारी करने की कृपा करें।
सम्पत्ति का विवरण
.........................
..........................
दिनांक..............
........... परिवादी
....... (नाम)
ह०........
शनाख्त........
दिनांक........