आदेश xxxvii सि. प्र. सं. के
अधीन .................... रुपये की वसूली के लिए वाद
न्यायालय
.....................................
वाद सं.
.....................................
(सिविल प्रक्रिया
संहिता 1908 के आदेश
xxxvii के अधीन)
अबक ..................................... परिवादी
बनाम
कखग ..................................... प्रत्यर्थी
अति
सादर पूर्वक प्रदर्शित
करता है –
1.
यह
कि वादी एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी
और कम्पनी अधिनियम,
1956 के अधीन .................... कम्पनियों
के रजिस्ट्रार से
रजिस्ट्रीकृत की गयी
तथा ................................
में अपनी रजिस्ट्रीकृत
कार्यालय रखने वाली
है। वादपत्र श्री
............................................. द्वारा
दाखिल किया जाता
है जिसको ........................ को कम्पनी
के निर्देशकों के
बोर्ड के एक संकल्प द्वारा
सम्यक रूप से प्राधिकृत किया जा चुका है।
कम्पनी के सचिव द्वारा सम्यक
रूप से प्रमाणित
किये गये कथित
संकल्प की प्रतिलिपि
इसके साथ उपाबद्ध
की जाती है और उपाबन्ध
.......... के रूप में
चिन्हित की जाती है।
2.
यह
कि कम्पनी ........................ के कारबार
में वर्तमान पर
नियोजित की जाती है।
3.
यह
कि प्रतिवादी एक
भागीदारी फर्म है
और प्रतिवादी सं. 2 एवम्
3 इसके भागीदार हैं।
(मामले के तथ्यों
को इसमें उपवर्णित
करे)
4.
यह
कि वादी ने कथित रकम
के संदाय होने
तक ..................... प्रतिशत वार्षिक दर
पर ब्याज सहित
................... रुपये के बराबर
होने वाले चैक
को प्रदर्शित करने
वाली रकम के भुगतान की
माँगकर तारीख ...................... को इसके अधिवक्ता के जरिये
एक वाधक नोटिस
बारम्बार अनुरोध के
पश्चात् प्रतिवादी से
चैकों को व्यादिष्ट
करने वाली रकम
की वसूला करने
में असफल हो जाने पर
भेजा। कथित विधिक
नोटिस की प्रतिवादी
पर सम्यक रूप
से तामील करायी
गयी है। विधिक
नोटिस तथा संदेय
वापस प्राप्त की
गयी अभिस्वीकृति की
प्रत्येक छाया प्रतिलिपि
इसके साथ प्राप्त
की जाती है और सामूहिक
तौर पर उपाबन्ध ........................................ के रूप
में चिन्हांकित की
जाती है।
5.
प्रतिवादी
द्वारा दिये गये
आश्वासनों के बावजूद,
प्रतिवादीगण.....................रुपये बराबर
होने वाले चैकों
की रकम का संदाय करने
में असफल हो गये हैं।
चैकों की छाया प्रति इसके
पाबद्ध की जाती है और
उपाबन्ध ...........................................
के रूप में चिन्हांकित की जाती है।
6.
यह
कि प्रतिवादीगण ............................................
प्रतिशत वार्षिक दर
पर ब्याज सहित
............................ रुपये
की रकम का संयुक्त रूप से तथा पृथक्-पृथक तौर
पर संदाय करने
उत्तरदायी है जिसमें
वे असफल हो गये हैं
और बारम्बार अनुरोधों
एवम् दिये गये आश्वासनों तथा
विधिक नोटिस के
बावजूद भी संदाय
करने की उपेक्षा
की हैं।
7. यह कि
वाद हेतक वादी
के पक्ष में
उत्पन्न हुआ तथा दिनांक .............................. को प्रतिवादी
के विरुद्ध उत्पन्न
हुआ। यह पुनः वादी
के पक्ष में
तथा उस समय प्रतिवादी के विरुद्ध
पैदा हुआ जब चैक असंदत्त
वापस कर दिये गये। वाद
हेतुक उस समय उत्पन्न हुआ जब वादी द्वारा
...........................प्रतिवादी
पर विधिक
नोटिस की तामीलकरायी
गयी और यह अभी डटा
रहता है।
8. यह कि
विक्रय के विशेष
निबन्धनों के अनुसार
यह पक्षकारों के
बीच करार हुआ
है कि बिल से सम्बन्धित
सभी विवादों का
विनिश्चिय .......................................................
उन्हीं न्यायालयों द्वारा
एकमात्र किया जायेगा
जिनके पास अधिकारिता
होगी। अतएव, इस
आदरणीय न्यायालय के
पास वर्तमान वाद
का विनिश्चय करने
की अधिकारिता है।
9.
यह
कि प्रस्तुत वाद
सिविल प्रक्रिया संहिता
के आदेश xxxvii के
अधीन दाखिल किया
जा रहा है और कोई
भी अनुतोष जो
इस नियम की परिधि के
अन्दर नहीं आता
है, का वादपत्र
में दावा किया
जा चुका है।
10.
यह
कि न्यायालय फीस
एवम् अधिकारिता के
प्रयोजनार्थ वाद का
मूल्य ..............................
रुपये पर नियत किया जाता
है जिस पर .................................................रुपये की
एक न्यायालय फीस
का संदाय किया
जा रहा है।
प्रार्थना
अतएव,
यह प्रार्थना की
जाती है कि
.......
(क) ........................
रुपये की रकम के लिए
एक डिक्री वाद
के संस्थित किया
जाने की तारीख
से रकम की वसूली किया
जाने तक ....................% वार्षिक
दर पर ब्याज
तथा आगामी ब्याज
सहित वादी के पक्ष में
तथा प्रतिवादी के
विरुद्ध पारित कर
दिया जाय।
(ख) वाद का
खर्च वादी के पक्ष में
तथा प्रतिवादी के
विरुद्ध अधिनिर्णीत कर
दिया जाय; और
(ग) ऐसा अन्य
आदेश या आदेशों
को जिसे / जिन्हें
यह आदरणीय न्यायालय
मामले की परिस्थितियों
में उपयुक्त तथा
उचित समझे, पारित
कर दिया जाय।
वादी
सत्यापन
मैं ऊपर नामित वादी, एतद् द्वारा
सत्यापित करता हूँ, कि वादपत्र
के पैरा .............
...... ...... ........... .... .. लगायत .................................. की
अन्तर्वस्तु मेरी व्यक्तिगत जानकारी में सत्य है और ................................... पैरा
के वे सभी तथा उसका.......... उस
विधिक सलाह पर आधारित है। जिसे मैं सत्य होने का विश्वास करता हूँ।
मैं इस दिनांक ....... को
सत्यापित किया गया।
वादी